गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग में नेपाल के साथ सीमा के पास स्थित भारत का एक प्रसिद्ध शहर है। यह गोरखपुर का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। यह एक धार्मिक केन्द्र के रूप में मशहूर है जो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन सन्तों की साधनास्थली रहा। किन्तु मध्ययुगीन सर्वमान्य सन्त गोरखनाथ के बाद उनके ही नाम पर इसका वर्तमान नाम गोरखपुर रखा गया। यहाँ का प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर अभी भी नाथ सम्प्रदाय की पीठ है। यह महान सन्त परमहंस योगानंद का जन्म स्थान भी है। इस शहर में और भी कई ऐतिहासिक स्थल हैं जैसे, बौद्ध के घर, इमामबाड़ा, 18 सदी की दरगाह और हिंदू धार्मिक ग्रन्थों का प्रमुख प्रकाशन संस्थान गीता प्रेस।
20वीं सदी में, गोरखपुर भारतीय स्वातंत्र्य आन्दोलन का एक केन्द्र बिन्दु था और आज यह शहर एक प्रमुख व्यापार केन्द्र बन चुका है। पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय, जो ब्रिटिश काल में "बंगाल- नागपूर-रेलवे" के रूप में जाना जाता था, यहीं स्थित है। अब इसे एक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिये गोरखपुर औद्यो
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश राज्य के पूर्वी भाग में नेपाल के साथ सीमा के पास स्थित भारत का एक प्रसिद्ध शहर है। यह गोरखपुर का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। यह एक धार्मिक केन्द्र के रूप में मशहूर है जो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और जैन सन्तों की साधनास्थली रहा। किन्तु मध्ययुगीन सर्वमान्य सन्त गोरखनाथ के बाद उनके ही नाम पर इसका वर्तमान नाम गोरखपुर रखा गया। यहाँ का प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर अभी भी नाथ सम्प्रदाय की पीठ है। यह महान सन्त परमहंस योगानंद का जन्म स्थान भी है। इस शहर में और भी कई ऐतिहासिक स्थल हैं जैसे, बौद्ध के घर, इमामबाड़ा, 18 सदी की दरगाह और हिंदू धार्मिक ग्रन्थों का प्रमुख प्रकाशन संस्थान गीता प्रेस।
20वीं सदी में, गोरखपुर भारतीय स्वातंत्र्य आन्दोलन का एक केन्द्र बिन्दु था और आज यह शहर एक प्रमुख व्यापार केन्द्र बन चुका है। पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय, जो ब्रिटिश काल में "बंगाल- नागपूर-रेलवे" के रूप में जाना जाता था, यहीं स्थित है। अब इसे एक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित करने के लिये गोरखपुर औद्यो
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